लोकसभा चुनाव के लिए अब अंतिम चरण का मतदान होना बाकी है। इसके चलते वाराणसी में भी मतदान किया जाएगा। क्या इस बार भी काशी की जनता पीएम मोदी को जीत दिलाएगी?
CM Yogi Mathura Statement: श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि मथुरा को सवार देंगे। इस बयान पर बवाल मच गया है।
आज महाशिवरात्रि के अवसर पर आज देशभर में जगह-जगह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है. ऐसे में भगवान शिव की नगरी काशी विश्वनाथ में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा है. काशी विश्वनाथ के बाहर भक्तों की काफी लंबी लाइन नजर आ रही है. साथ ही जगह-जगह भगवान शिव की पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक शुरू हो चुका है. देखिए वीडियो...
CM Yogi on Kashi Mathura News: सीएम योगी ने विधानसभा में अयोध्या का जिक्र किया और साथ ही मथुरा-काशी को लेकर बड़ा बयान दिया. देश के जाने माने इतिहासकार और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर इरफ़ान हबीब ने काशी और मथुरा पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि काशी और मथुरा में पहले मंदिर ही थे जिनको तोड़कर वहां मस्जिद बना दी गई थी। इरफ़ान हबीब ने अपने दावों के समर्थन में किताबों में दर्ज सबूतों का भी जिक्र किया. इरफ़ान हबीब का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि का विवाद कोर्ट में है। ऐसे समय में एक मुस्लिम इतिहासकार का ये बयान ज्ञानवापी परिसर पर हिंदू पक्ष के दावों के साथ साथ ASI के सर्वे पर भी मुहर लगाता है।
Kasam Samvidhan Ki: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा में विपक्ष से अयोध्या, काशी और मथुरा के विकास को रोकने की मानसिकता पर सवाल उठाया। सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि पूरा देश अयोध्या समारोह से खुश है और याद किया कि सदियों से शहर के साथ कैसा व्यवहार किया जाता रहा है। सीएम योगी ने कहा, ''अयोध्या नगरी को पिछली सरकारों ने निषेधाज्ञा और कर्फ्यू के दायरे में ला दिया था. अयोध्या को अन्याय का सामना करना पड़ा। काशी और मथुरा के साथ यही हुआ।” सीएम योगी ने ज्ञानवापी और शाही ईदगाह का जिक्र करते हुए यह भी संकेत दिया कि अयोध्या समारोह के बाद अब काशी और मथुरा का समय है।
Govind Dev Giri Video: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज का एक बयान सामने आया है उन्होंने कहा है कि अगर हमें ये तीन मंदिर यानि अयोध्या, काशी और मथुरा हमें दे दें तो हम किसी मस्जिद की ओर देखेंगे भी नहीं. उन्होंने आगे कहा क्योंकि हम भविष्य में जीना चाहते हैं. अयोध्या के बाद अगर काशी और मथुरा के धार्मिक स्थलों हमें शांति से मिल जाएं तो हम किसी भी दूसरे मंदिर से संबंधित मुद्दों को नहीं देखेंगे.
Taal Thok Ke: राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सियासत तेज़ है। लेकिन आज कई कांग्रेसी अयोध्या हो आए। दीपेंदर हुड्डा, अजय राय, अखिलेश प्रताप सिंह समेत कई कांग्रेस नेताओं ने आज सरयू में डुबकी लगाई। उसके बाद हाथ से हाथ मिलाकर एक साथ जयश्रीराम के नारे भी लगाये। लेकिन दूसरी तस्वीर भी देखिये। सरयू में कांग्रेसियों की राम नाम की डुबकी अयोध्या के लोकल लोगों को पसंद नहीं आई। बल्कि उन्हें गुस्सा आ गया। और कांग्रेसियों के साथ उनकी झड़प हो गई। लोगों ने मारपीट की...कांग्रेस का झंडा भी खींचकर फाड़ दिया। जैसा कि हमें पता चला है कि इन लोगों का ये कहना था कि कांग्रेस ने हमेशा तो राम मंदिर में रोड़ अटकाए। इसलिये अब सरयू में डुबकी लगाकर और जय श्रीराम बोलकर ढोंग कर रहे हैं। इसपर आगे बात करेंगे। क्योंकि अभी हमारी जो बहस है, वो इसपर है कि राम मंदिर बन जाने के बाद कौन से काम बाक़ी हैं? राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण मिलने के बाद RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पहला बयान दिया है। उन्होंने इसे आनंद का क्षण बताया। आगे ये कहा कि अभी बहुत काम बाक़ी है, जिस तपस्या से ये सपना पूरा हुआ है, उसे जारी रखना है। और तब तक जारी रखना है जब तक गंतव्य की प्राप्ति नहीं हो जाती। ठीक इसी वक्त AIMIM चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी का भी एक बयान आया है। जिसमें एक बार फिर उन्होंने मुसलमानों से बाबरी को नहीं भूलने और हर मस्जिद को आबाद रखने की अपील की है। ओवैसी ने बयान में नई चीज़ ये जोड़ी कि उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों की हर मस्जिद को कुछ लोग ललचाई नज़रों से देख रहे हैं और उनपर कब्ज़ा करने की साज़िश कर रहे हैं। तो इसी पर बहस को आगे बढ़ाएंगे। जानेंगे कि भागवत ने जो शब्द कहा गंतव्य..उसका मतलब क्या है?..क्या काशी-मथुरा है?...वो किस तपस्या की बात कह रहे हैं जो अधूरी है?
Taal Thok Ke: राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सियासत तेज़ है। लेकिन आज कई कांग्रेसी अयोध्या हो आए। दीपेंदर हुड्डा, अजय राय, अखिलेश प्रताप सिंह समेत कई कांग्रेस नेताओं ने आज सरयू में डुबकी लगाई। उसके बाद हाथ से हाथ मिलाकर एक साथ जयश्रीराम के नारे भी लगाये। लेकिन दूसरी तस्वीर भी देखिये। सरयू में कांग्रेसियों की राम नाम की डुबकी अयोध्या के लोकल लोगों को पसंद नहीं आई। बल्कि उन्हें गुस्सा आ गया। और कांग्रेसियों के साथ उनकी झड़प हो गई। लोगों ने मारपीट की...कांग्रेस का झंडा भी खींचकर फाड़ दिया। जैसा कि हमें पता चला है कि इन लोगों का ये कहना था कि कांग्रेस ने हमेशा तो राम मंदिर में रोड़ अटकाए। इसलिये अब सरयू में डुबकी लगाकर और जय श्रीराम बोलकर ढोंग कर रहे हैं। इसपर आगे बात करेंगे। क्योंकि अभी हमारी जो बहस है, वो इसपर है कि राम मंदिर बन जाने के बाद कौन से काम बाक़ी हैं? राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण मिलने के बाद RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पहला बयान दिया है। उन्होंने इसे आनंद का क्षण बताया। आगे ये कहा कि अभी बहुत काम बाक़ी है, जिस तपस्या से ये सपना पूरा हुआ है, उसे जारी रखना है। और तब तक जारी रखना है जब तक गंतव्य की प्राप्ति नहीं हो जाती। ठीक इसी वक्त AIMIM चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी का भी एक बयान आया है। जिसमें एक बार फिर उन्होंने मुसलमानों से बाबरी को नहीं भूलने और हर मस्जिद को आबाद रखने की अपील की है। ओवैसी ने बयान में नई चीज़ ये जोड़ी कि उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों की हर मस्जिद को कुछ लोग ललचाई नज़रों से देख रहे हैं और उनपर कब्ज़ा करने की साज़िश कर रहे हैं। तो इसी पर बहस को आगे बढ़ाएंगे। जानेंगे कि भागवत ने जो शब्द कहा गंतव्य..उसका मतलब क्या है?..क्या काशी-मथुरा है?...वो किस तपस्या की बात कह रहे हैं जो अधूरी है?
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratistha: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसी ऐतिहासिक दिन को नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराजमान होंगे. लेकिन मंदिर के पूर्ण निर्माण पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं अब उठ रहे सवालों पर काशी के विद्वानों ने जवाब दिया है.