Taal Thok Ke: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आने के बाद एक सवाल ये भी उठ रहा है कि, क्या बीजेपी और आरएसएस में दूरी बन रही है? क्या भाजपा से आरएसएस खुश नहीं है? हाल ही में मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया था. जिसको लेकर कयास लगाए जाने लगा कि, ये बयान बीजेपी के लिए है. वहीं, आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने बीजेपी विरोधी बयान दिया था. जिससे अब आरएसएस ने किनारा कर लिया है. इसी मुद्दे पर देखें देश का नंबन बन डिबेट शो डिबेट शो ताल ठोक के.
Taal Thok Ke: दूसरे चरण का डाटा देर से रिलीज करने पर चुनाव आयोग पर आरोप लग रहे हैं. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होने वाला है. उससे पहले विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर धांधली का आरोप लगा रहा है. विपक्ष का दावा है कि निष्पक्ष चुनाव नहीं हो रहा है. EVM पर भी सवाल उठाया जा रहा है.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, 'भारत में मुसलमानों के साथ वैसा ही व्यवहार किया जा रहा है, जैसा हिटलर के समय में यहूदियों के साथ किया जाता था.' ऐसे में सवाल उठ रहा है कि, क्या भारत के मुसलमान डरे हुए हैं? या लोकसभा चुनाव के लिए देश के मुसलमानों को झड़काया जा रहा है? देखें, इसी मुद्दे पर देश का नंबर वन डिबेट शो ताल ठेक के.
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कई कानून में बदलाव और संशाेधित करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि, हमारे पास ऐसे 25 कानून की सूची हैं, जिनको संशोधित किया जाना है. उन्होंने कहा कि यदि वे जीते हैं तो नागरिकता संशोधन अधिनियम निरस्त करेंगे. कुछ अधिनियम निरस्त किए जाएंगे और नए नियम बनाए जाएंगे. देखिए, इसी मुद्दे पर देश का नंबर वन डिबेट शो ताल ठोक के.
Taal Thok Ke: असम सरकार ने 89 साल पुराने मुस्लिम विवाह और तलाक़ अधिनियम को ख़त्म कर दिया है. इस बात की जानकारी सोशल मीडिया साइट X पर खुद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दी. उसमें लिखा असम में बाल विवाह रोकने की दिशा में एक और अहम कदम. इससे पहले असम में मुस्लिमों की शादी विवाह और तलाक, मैरिज एंड डिवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट 1935 के तहत होते थे. उस नियम के मुताबिक कम उम्र में भी निकाह वैध था और उसका रजिस्ट्रेशन हो सकता था. लेकिन, असम सरकार के इस फैसले से मुस्लिम नेता भड़के हुए हैं.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में 7 सीटों का फ़ैसला हो गया है। थोड़ी देर में ऐलान हो सकता है। तय ये हुआ है कि दिल्ली की 4 सीटों पर आम आदमी पार्टी लड़ेगी, और कांग्रेस 3 सीटों पर लड़ेगी। ..दोस्ती गुजरात और हरियाणा में भी हुई है। गुजरात की भरूच और भावनगर सीट आम आदमी पार्टी लड़ेगी। हरियाणा की एक सीट भी उसे मिलेगी। ..लेकिन पंजाब में कोई दोस्ती नहीं है। ...ये देखना दिलचस्प होगा कि 3 राज्यों में दोनों पार्टियां एक दूसरे की तारीफ़ में वोट मांगेंगी, लेकिन पंजाब में जब आमने-सामने होंगी तो एक-दूसरे के लिये इनकी उपमाएं, इनके अलंकार क्या होंगे। ..दिल्ली की 7 में से 4 सीटें...मतलब आम आदमी पार्टी लीड करेगी।
Taal Thok Ke: हिंसा पर हिंदू मुसलमान वाली सियासत होनी चाहिए ? क्या सरकारी जमीन पर किये गए. अवैध निर्माण पर अगर कोई कार्रवाई हो तो क्या उसे हिंदू मुसलमान से जोड़ा जाना चाहिए. क्या अदालती फैसले पर हिंदू मुसलमान होना चाहिए। आज इन सवालों के जवाब हम अपनी डिबेट में तलाशेंगे। ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं। क्योंकि हिंदू और मुसलमान वाले इस सियासी तीर की प्रत्यंचा खींची है बरेली के मौलाना तौक़ीर रज़ा ने, जो हल्द्वानी हिंसा के बाद से लगातार विवादित और भड़काऊ बयानबाज़ी कर रहे हैं।
Taal Thok Ke: क्या हिंसा पर हिंदू मुसलमान वाली सियासत होनी चाहिए. क्या सरकारी जमीन पर किये गए अवैध निर्माण पर अगर कोई कार्रवाई हो तो क्या उसे हिंदू मुसलमान से जोड़ा जाना चाहिए. क्या अदालती फैसले पर हिंदू मुसलमान होना चाहिए. आज इन सवालों के जवाब हम अपनी डिबेट में तलाशेंगे. ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि हिंदू और मुसलमान वाले इस सियासी तीर की प्रत्यंचा खींची है. बरेली के मौलाना तौक़ीर रज़ा ने, जो हल्द्वानी हिंसा के बाद से लगातार विवादित और भड़काऊ बयानबाज़ी कर रहे हैं.
Taal Thok Ke: दो चौपाइयां हैं- होइहि सोई जो राम रचि राखा दूसरी है- कर्म प्रधान विश्व रचि राखा . और इसी की अगली पंक्ति है 'जो जस करहि सो तस फल चाखा'.आज यही बहस है कि क्या राम उंगली उठाने का, और उनके मंदिर में बाधा डालने का फल कुछ लोगों को पूरा मिल चुका है या अभी और मिलना बाक़ी है? राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब बस 5 दिन बाक़ी हैं. आज अयोध्या में अनुष्ठान का तीसरा दिन है. रामलला की मूर्ति कल रात ही मंदिर में प्रवेश कर चुकी है. रामलला अपने जन्मस्थान यानी राम मंदिर के गर्भगृह से बाहर हैं. बस थोड़ी दूरी और है. पूरा देश राम के रंग में रंगता जा रहा है. लेकिन इस भीड़ में राम को नकारने वालों, उनके मंदिर पर सवाल उठाने वालों और राम को बांटने वालों की अब भी कमी नहीं है. DMK के उदयनिधि स्टालिन ने नया बयान दिया है. कहा है कि वो उस मंदिर को मंदिर मान ही नहीं सकते जो दूसरे धर्मस्थल को तोड़कर बनाया गया है. राहुल गांधी ने फिर कहा है कि वो राजनीति में धर्म को मिक्स नहीं करते, इसीलिये मंदिर उद्घाटन के विरोध पर कायम हैं. राहुल गांधी के धर्म और राजनीति वाले इस कन्फ्यूज़न को दूर करने के लिये जगदगुरु रामभद्राचार्य का एक नया बयान है. उन्होंने कहा है कि धर्म को राजनीति से अलग नहीं कर सकते. मंदिर के उद्घाटन से ठीक पहले 1990 के मुलायम सिंह के गोलीकांड की याद भी जागी है. उनके भाई शिवपाल यादव ने कहा कि संविधान बचाने के लिये कारसेवकों पर गोली चलाना सही था, यानी मुलायम ने ठीक किया था. और इसके जवाब में साध्वी ऋतंभरा का भी बयान है कि राम की जिसने सेवा की, जिसने रथ खींचा प्रसाद भी उसी को ही मिलेगा. जिन्होंने विरोध किया, गोलियां चलाईँ. उन पर संतों की आह बाक़ी है. तो आज की बहस इसी पर पहले सुनते हैं राम और राम मंदिर पर तकरार में किसने क्या कहा.
Taal Thok Ke: दो चौपाइयां हैं- होइहि सोई जो राम रचि राखा दूसरी है- कर्म प्रधान विश्व रचि राखा . और इसी की अगली पंक्ति है 'जो जस करहि सो तस फल चाखा'.आज यही बहस है कि क्या राम उंगली उठाने का, और उनके मंदिर में बाधा डालने का फल कुछ लोगों को पूरा मिल चुका है या अभी और मिलना बाक़ी है? राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब बस 5 दिन बाक़ी हैं. आज अयोध्या में अनुष्ठान का तीसरा दिन है. रामलला की मूर्ति कल रात ही मंदिर में प्रवेश कर चुकी है. रामलला अपने जन्मस्थान यानी राम मंदिर के गर्भगृह से बाहर हैं. बस थोड़ी दूरी और है. पूरा देश राम के रंग में रंगता जा रहा है. लेकिन इस भीड़ में राम को नकारने वालों, उनके मंदिर पर सवाल उठाने वालों और राम को बांटने वालों की अब भी कमी नहीं है. DMK के उदयनिधि स्टालिन ने नया बयान दिया है. कहा है कि वो उस मंदिर को मंदिर मान ही नहीं सकते जो दूसरे धर्मस्थल को तोड़कर बनाया गया है. राहुल गांधी ने फिर कहा है कि वो राजनीति में धर्म को मिक्स नहीं करते, इसीलिये मंदिर उद्घाटन के विरोध पर कायम हैं. राहुल गांधी के धर्म और राजनीति वाले इस कन्फ्यूज़न को दूर करने के लिये जगदगुरु रामभद्राचार्य का एक नया बयान है. उन्होंने कहा है कि धर्म को राजनीति से अलग नहीं कर सकते. मंदिर के उद्घाटन से ठीक पहले 1990 के मुलायम सिंह के गोलीकांड की याद भी जागी है. उनके भाई शिवपाल यादव ने कहा कि संविधान बचाने के लिये कारसेवकों पर गोली चलाना सही था, यानी मुलायम ने ठीक किया था. और इसके जवाब में साध्वी ऋतंभरा का भी बयान है कि राम की जिसने सेवा की, जिसने रथ खींचा प्रसाद भी उसी को ही मिलेगा. जिन्होंने विरोध किया, गोलियां चलाईँ. उन पर संतों की आह बाक़ी है. तो आज की बहस इसी पर पहले सुनते हैं राम और राम मंदिर पर तकरार में किसने क्या कहा.